नशा नाश का कारण है

दोस्तों आजकल युवा पीढ़ी हो या बुजुर्ग नशा चरम सीमा पर है ।
नशा करने से आर्थिक मानसिक और शारीरिक नुकसान तो होता ही है साथ ही हमारे विचारों को भी खराब करता है।

नशे के कारण अपराध नहीं करने वाला व्यक्ति भी बहुत बड़ा अपराध कर बैठता है।
परिवार में अशांति का कराण भी ज्यादातर नशा ही होता है।

 संत रामपाल जी महाराज भी अपने  सत्संगो में बताते हैं कि नशा नशा मनुष्य का कर्म नहीं है ।
नशा करने वाले को व्यक्ती को बहुत भयंकर  पाप भी लगता है

कबीर साहब जी अपनी वाणी में करते हैं

मदिरा पीवे कड़वा पानी।
 सत्तर जन्म स्वान (कुत्ते) के जानी।।

अर्थात एक बार शराब पीने से सत्तर जन्म कुत्ते के होते हैं
इसलिए हमें जिवन में कभी भी नशा नहीं करना चाहिए।
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नशा सर्वनाश का कारण

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